top of page

Ambedkar Saheb Media Group

Public·35 people

*हम होली नहीं मनाएंगे*

*आओ मिल संकल्प करें*,

*हम होली नहीं मनाएंगे*,

*होली दहन का गूढ़ रहस्य*,

*हम घर घर जाय बताएंगे*,

*पर होली नहीं मनाएंगे*।।


*मूल निवासी थी होलिका*,

*जिसका दहन ये करते हैं*,

*बलात्कार कर, जान से मारा*,

*ये जिसको होली कहते हैं*,

*ऐसे नींच कर्म करने वालों के*,

*संग हम कैसे नांचें गाएंगे*

*हम होली नहीं मनाएंगे*,।।


*अपनी बेटी के मरने की*,

*हम बेअक्ल खुशी मनाते हैं*,

*भांग धतूरा गांजा पीकर*,

*हम खुद नाचते और नचाते हैं*,

*अपनी बेटी की मौत पर हम*,

*कब तक अपमान कराएंगे*,,

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।


*बलात्कार किया,और मार दिया*,

*ऊपर से उसको जला दिया*,

*उसी मनहूस दिन को इन्होंने*,

*खुशी का पर्व बना दिया*,

*अपने हाथों से अपनी बेटी को*,

*कब तक यार जलाएंगे*,,

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।


*चीखी होगी, चिल्लाई होगी*,

*बचाने कोई नहीं, आया होगा*,

*आखिर हारकर, दरिंदों को सुपुर्द*,

*अपना शरीर सौंप दिया होगा*,

*कब तक , हम-सब मतिमंद बने*,

*मौत की ख़ुशी मनाएंगे*,

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।,


*वो दर्द महसूस करो यारो*,

*जो बेटी ने तुम्हारी सहा होगा*,

*उस असहाय बेटी की आंखों से*,

*कितना नीर बहा होगा*,

*ऐसी तमाम होलिकाओं को हम*,

*कैसे आज बचाएंगे*।

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।


*होली का कोई त्यौहार नहीं*,

*ये तुम्हारी हार का जश्न सखे*,

*हम बुद्धि विहीन लोग ही*,

*उसमें हो जाते हैं मगन*,

*अपने इस मातम शोक को*,

*कब तक खुशी से मनाएंगे*,

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।,


*ना नांचो , कूदो न यारों*

*और ना पियो पिलाओ*,

*ये अपनी हार का पर्व है यारो*,

*जन जन को समझाओ*,

*इस होली के राज रहस्य को*,

*कब तक यार छुपाएंगे*,

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।


*बहुत हुआ अपमान तुम्हारा*,

*अब तो यारो बंद करो*,

*अब नहीं जलानी हमको होली*,

*कुछ तो जजबाती शर्म करो*,

*आने वाली पीढी को हम*,

*क्या देकर के जाएंगे*,

*हम होली नहीं मनाएंगे*।।


कुछ पंक्तियां होली मनाने वाले बहुजनों के नाम समर्पित।

🙏🌷🙏


जय भीम जय संविधान ✍️✍️


About

Welcome to the Ambedkar Saheb Media Group! 😀 Let's celebra...
bottom of page